shayari for signature day
- shayari for signature day
- कौन कहता है नेचर और सिग्नेचर कभी नही बदलतें हैं,अगर हाथ पर चोट लगे तो सिग्नेचर बदल जाता है,और चोट अगर दिल पर हो तो नेचर बदल जाता है।
Who says nature and signature never change,
if the hand is hurt, the signature changes,
and if the
injury is on the heart,the nature changes.- What is Success?WhenSignature'changes to 'Autograph'
- .Dr A P J Abdul Kalam your '
कुछ कहानियाँ pen से
लिखी जाती हे जबकि कुछ
Pain से।
लिखना एक नशा हे और
ये नशा में रोज़ करता हु और
कोइ न देखे मुझे झूमते इस नशे में
इसलिए रात को चुनता हु। ...
I had one of my good friends
kicked out of college for domestic violence
he had his college career ruined....
अगर कुछ सीखना हे तो
इस कलम से सीखो क्योकि
जब भी चलती हे सिर
झुका कर चलती हे। .
मेरी शायरी को गहराई से
समझने वाले लगता हे तुम्हारे
अरमा अधूरे बहुत हे।
दूसरी चीजों पर पीएचडी करने
से कई गुना ज़्यादा बहेतर हे की
खुद ग्रेजुएट हो जाये।
नहीं तुम समझ पाएंगी मेरे इश्क
का मिजाज मुझे तो सिंग्नेचर भी तुम्हारा
रुह नज़र आता हे
में खत पे नाम लिखना क्या भुला
वो ना - मुराद
डाकिये से मोहब्बत कर बैठी।
Texting me with a signature,
just got you added to the block list,
have a nice day
aapke blog ka content shandar hai bs apna theme change kar le fir aapka blog better look me hoga.. Keep it up
जवाब देंहटाएंThnku
हटाएंNow
हटाएंab kesa h
हटाएंab kesa h
हटाएंHi
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