Write down the names of any 30 famous poems and their poets 30 shayaro ki shayari or naam Shayari likhney Walo ke name

Write down the names of any 30 famous poems and their poets  30 shayaro ki shayari or naam shayari likhney walo ke name

हिं दी और उर्दू साहि त्य में बड़े सेबड़े कवि यों और शा यरों ने इश्क, दुनि या , दो स्ती , असबा ब, गम, बेवफा ई, रुसवा ई सहि त कई पहलुओं पर अपनी कवि ता एं और शा यरी लि खी हैं। का व्य चर्चा सेक्शन के तहत यहां हम 20 बड़े शा यरों के 20 बड़े शेर पेश कर रहे ह

दिले-नादां तुझे हुआ क्या है
 आखिर इस दर्द की दवा क्या है
 -गालिब

दर्द को दिल में जगह दो 
अकबर इल्म सेशा यरी नहीं हो ती 
-अकबर इलाहाबाद

फलक देता है जिनको ऐश उनको गम भी होते हैं
 जहां बजते हैं नक्का रे वहां मातम भी होते हैं -
दाग

ना जुकी उन लबों की क्या कहिए 
पंखुड़ी एक गुलाब की सी है
 मीर उन नीमबाज आंखों में 
सारी मस्ती शराब की सी है 
-मीर

तुम मेरे पास होते हो गोया 
जब कोई दूसरा नहीं होता 
-मोमिन

हमन है इश्क, मस्ताना , हमन को होशियारी क्या
लाई हयात आये, कजा लेचली चले 
अपनी खुशी न आए, न अपनी खुशी चले 
-जौक

कितना है बदनसीब जफर दफ्न के लिए 
दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में -
जफर 

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए 
वो तेरा कोठे पे नंगे पांव आना याद है -
हसरत जयपुरी 

मता -ए-लौहो -कलम छिन गयी तो क्या गम है
 कि खूने-दिल में डुबो लीं हैं उंगलि यां मैंने -
फैज अहमद फैज 

कहां तो तै था चिरागां हरेक घर के लिए 
कहां चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए -
दुष्यंत कुमार 

ये नगमासराई है कि दौलत की है तकसीम 
इंसान को इंसान का गम बांट रहा हूं -
फिराक

 घर लौट के मां -बाप रोएंगेएं गेअकेले में 
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेलेमें -
कैसर उल जाफरी 

बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
 जो बीत गया है वो गुजर क्यों नहीं जाता -
निदा फाजलi

लहू न हो तो कलम तर्जुमां नहीं होता
 हमारे दौर में आंसू जवां नहीं होता 

वसीम सदियों की आंखों से देखिए मुझको
 वो लफ्ज हूं जो कभी दास्तां नहीं होतa

लि पट जा ता हूं मां सेऔर मौ सी मुस्कुरा ती है 
मैं उर्दू में गजल कहता हूं हिं दी मुस्कुरा ती है -
मुनव्वर रा ना 

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है 
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है

 मैं तुझसेदूर कैसा हूं, तू मुझसेदूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है 
या मेरा दिल समझता है -
कुमार विश्वास  


गुजरते हैं जब भी तेरी गली से, हमारे चेहरे का नूर ही बदल जाता है।
 दाखिल होते ही तेरी गली में,
 महसूस तू होने लगता है।

 गुजरते हैं जब भी तेरी गली से 
साॅंसेथम जाती है 
धड़कने बढ़ जाती है,
पता नहीं कैसा है ये तेरा और
 मेरा रिश्ता
 दिल में हलचल बढ़ जाती है।

 गुजरते हैं जब भी तेरी गली से
 निगाहें तुझे ढूॅंढने लगती है
 तू खड़ा होगा अपने घर के बाहर 
या दिख जायेगा घर के अंदर 

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