ईद मुबारक शायरी , Eid Mubarak Shayari in hindi 2022 2023
ईद मुबारक शायरी Eid Mubarak Shayari
दोस्त से दोस्त मिलते है तो ईद होती है
अब तुम ही बताओ ऐ साजन ये क़यामत हुई के ईद हुई
सीने से लग के मेरे कहो ईद मुबारक
हम ने अपने लिए त्यौहार अलग रखा है
ईद पर अब न तू आया तो क़यामत होगी
ईद के चाँद का अंदाज़ तुम्हारे जैसा है
देखा ईद का चाँद तो मांगी ये दुआ रब से
देदे तेरा साथ ईद का तोहफा समझ कर
गरीब माँ अपने बच्चों को बड़े प्यार से यूँ मनाती है
फिर बना लेंगे नए कपडे यह ईद तो हर साल आती है
बाकी दिनों का हिसाब रहने दो
ये बताओं ईद पे तो मिलने आओगे ना
कोई कह दे उनसे जाकर की छत पे ना जाए
बेवजह शहर में ईद की तारीख बदल जाएगी
साहिब-ए-अक़ल हो आप, एक मसला तो बताओं
मैंने रुख-ए-यार नहीं देखा क्या मेरी ईद हो गई
मेरी तमन्ना तो ना थी तेरे बगैर ईद मनाने की
मगर, मजबूर को मजबूरियां, मजबूर कर देती है
तुझसे बिछड़े तो अब होश नहीं
कब चाँद हुआ कब ईद हुई
चाँद निकला तो मैं लोगों से लिपट लिपट कर रोया
ग़म के आंसू थे जो खुशियों के बहाने निकले
इतने मजबूर थे ईद के रोज़ तक़दीर से हम
रो पड़े मिलके गले आपकी तस्वीर से हम
उधर से चाँद तुम देखो, इधर से चाँद हम देखे
निगाहें इस तरह टकराएं की दो दिलों की ईद हो जाएँ
ना किसी का दीदार हुआ, ना किसी के गले मिले
कैसी खामोश ईद थी, जो आई और चली गई
मासूम से अरमानो की मासूम सी दुनिया
जो कर गए बर्बाद उन्हें ईद मुबारक
तुझे मेरी ना मुझे तेरी खबर जाएगी
ईद अब के बार दबे पाँव गुजर जाएगी
बता कौनसे मौसम में उम्मीद-ए-वफ़ा रखे
तुझ को जो ईद के दिन भी हम याद नहीं आये
हमने तुम्हें देखा ही नहीं तो क्या ईद मनाएं
जिस ने तुम्हें देखा उसे ईद मुबारक
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