माँ पिताजी के लिए शायरी – Mom Dad Shayari in Hindi, Maa Baap Par Shayari
माँ पापा के लिए शायरी
कमी तो बहुत है मुझे में
लेकिन माँ के सामने जाते
ही माँ मेरी सब कमियाे को
को ख़त्म कर देती है।
रुके तो चाँद जैसे है
चले तो हवाओ जैसी है
वो माँ ही है जो धुप में छाँव जैसे है।
अपने तो चारो दाम सदा पास में रहे
माँ -बाप जब तकल हमारे साथ में रहे
बुठे के आशीर्वाद ने हर वक्त बचाया
वार्ना तो हजारो हमारी धात में रहे
अभी भी चलती है
जब आधी कभी गम की
तो माँ की ममता
मुझे बाहो में छुपा लेती है।
माता पिता का साथ उनका विश्वाश
जीवन का सच सुख है .
उनके चरणों में शीश झुके हमेंशा
यही हमारा परम धर्म है।
चाहे कितनी भी करो पूजा पाठ
करो तीर्थ या परोपकार अगर माँ -बाप
को ठुकरा दिया तो सब जायेगा बेकार।
वोह माँ ही है जिसकी
ख़ुशी हमारी मुस्कान से है
और दुःख हमारी पीड़ा से है।
माँ के बिना पूरा घर बिखर जाता है
और पापा के बिना तो पूरी दुनिया
ही बिखर जातीहै
माता -पिता वो हस्ती है
जिसके पसीने की एक बून्द का
कर्ज भि अपनी औलाद नहीं
चूका सकती।
माँ और पिता ऐसे होते है
जिनके होने का एहसास कभी नहीं होता
लेकिन ना होने का एहसास बहुत होता है
जिनके होठो पर मुस्कान होती हैं क्रोध को
लेकर भी प्यार करती हैं. जिसके होठो पर
दुआ होती हैं. ऐसा करने वाली सिर्फ माँ होती हैं.
अपने माँ-बाप को कभी कोई दुःख मत देना,
क्योंकि उन्होंने पूरी जिन्दगी,
तुम्हारे लिए सिर्फ दुःख ही सहे हैं.
माँ बाप का दिल जीत लो कामयाब हो जाओगे,
वरना सारी दुनिया जीतकर भी तुम हार जाओगे…
अपना सपना पूरा हो न हो अपने माँ बाप
के सपनों को कभी ख़ाक में मत मिलाना
रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
पर जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ
भगवान् का दिया हुआ,
सबसे कीमती तोहफा,
कुछ और नहीं बस मेरे पापा आप हो.
पेड़ तो अपना फल खा नही सकते इसलिए हमे देते हैं.
पर अपना पेट खाली रखकर भी मेरा पेट भरते जा रहे हैं.
इस तरह मेरे गुनाहों को धो देती हैं माँ,
जब बहुत गुस्से में होती हैं तो रो देती हैं माँ,
लफ्जो पे इसके कभी बददुआ नही होती,
बस एक माँ ही हैं जो कभी खफा नही होती…
माँ-बाप पर शायरी
जिसके होने से मैं खुदको,
मुक्कम्मल मानता हूँ,
मेरे रब के बाद मैं बस,
अपने माँ-बाप को जानता हूँ।
माँ बाप के बिना जिन्दगी अधूरी हैं,
माँ अगर धूप से बचाने वाली छाँव हैं,
तो पिता ठंडी हवा का वह झोका हैं,
जो चेहरे से शिकवा की बूंदों को सोख लेता हैं…
गरीब हूँ किसी ज़रदार से नहीं मिलता,
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नहीं मिलता,
जो हो सके तो इसको संभाल कर रखना,
ये माँ का प्यार है बाजार में नहीं मिलता।
माता पिता पर उम्दा शायरी
माँ बाप का दिल जीत लो कामयाब हो जाओगे
वरना सारी दुनिया जीत कर भी हार जाओगे
हम इतने कहा हैं काबिल
माँ के पावन चरणों को धोए
प्यारी तुम्हारी सूरत हम सबके
मन को मोह आए
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